Aaj Ka Panchang 02 October 2024: सर्वपितृ अमावस्या पर ब्रह्म योग समेत बने रहे हैं ये संयोग, पढ़ें दैनिक पंचांग

Aaj Ka Panchang 02 October 2024: सर्वपितृ अमावस्या पर ब्रह्म योग समेत बने रहे हैं ये संयोग, पढ़ें दैनिक पंचांग

Aaj Ka Panchang 02 October 2024

Aaj Ka Panchang 02 October 2024

Aaj Ka Panchang: आज 2 अक्टूबर 2024 सर्व पितृ अमावस्या यानी कि पितृ पक्ष का आखिरी दिन है. इसके साथ ही आज इस साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण लगने वाला है. सर्व पितृ अमवास्या पर शाम के समय घर के बाहर दक्षिण दिशा में एक दीप जलाने से पितरों के साथ माता लक्ष्मी की कृपा आप पर बनी रहती है. आर्थिक सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है.

किसी पितर का नाम लेकर एक पौधे को लगाएं और इस पौधे को नियमित जल दें.  इससे पितरों को नियमित संतुष्टि मिलेगी.

आज सूर्य ग्रहण भी है हालांकि ये भारत में दिखाई नहीं देगा. आइए जानते हैं आज का शुभ-अशुभ मुहूर्त (Shubh muhurat 2 October 2024), राहुकाल (Aaj Ka Rahu kaal), शुभ योग, ग्रह परिवर्तन, व्रत-त्योहार, तिथि आज का पंचांग (Panchang in Hindi).

आज का पंचांग, 2 अक्टूबर 2024 (Calendar 2 October 2024)

तिथि अमावस्या (1 अक्टूबर 2024, रात 09.39 - 3 अक्टूबर 2024, प्रात: 12.08)
पक्ष कृष्ण
वार बुधवार
नक्षत्र उत्तराफाल्गुनी
योग ब्रह्म, सर्वार्थ सिद्धि
राहुकाल दोपहर 12.10 - दोपहर 1.39
सूर्योदय सुबह 06.14 - शाम 06.07
चंद्रोदय चंद्रोदय नहीं - शाम 05.54
दिशा शूल उत्तर
चंद्र राशि कन्या
सूर्य राशि कन्या

शुभ मुहूर्त, 2 अक्टूबर 2024 (Shubh Muhurat)

ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04.37 - सुबह 05.26
अभिजित मुहूर्त सुबह 11.47 - दोपहर 12.34
गोधूलि मुहूर्त शाम 06.07 - शाम 06.31
विजय मुहूर्त दोपहर 02.17 - दोपहर 03.06
निशिता काल मुहूर्त रात 11.46- प्रात: 12.35, 2 अक्टूबर

2 अक्टूबर 2024 अशुभ मुहूर्त (Aaj Ka ashubh Muhurat)

  • यमगण्ड - सुबह 07.44 - सुबह 09.12
  • आडल योग - सुबह 06.15 - दोपहर 12.23
  • गुलिक काल - सुबह 10.41 - दोपहर 12.10

आज का उपाय

जिन पूर्वजों के बारे में पता है उनका श्राद्ध तो किया ही जाता है लेकिन सर्व पितृ अमावस्या पर परिवार के उन तमाम पूर्वजों के नाम श्राद्ध करना चाहिए जिनके बारे में जानकारी न हो. इसके लिए आज गाय, कुत्ता, कौआ, को ग्रास दें और भोजन का कुछ भाग किसी सुनसान स्थान पर अथवा नदी तालाब के पास रख दें. माना जाता है कि इससे जिन लोगों का श्राद्ध नहीं किया जाता वे अनजान पितर उस भोजन को खाते हैं और आशीर्वाद प्रदान करते हैं.

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